जनता की सरकार जाते ही नगर पालिका परिषद अकबरपुर में EO. का शुरू हो गया खेल?

अंबेडकरनगर| शहरी क्षेत्र में जनता की सरकार जाते ही प्रशासनिक अमला पूरी तरह से बेलगाम हो चुका है। जिसके कारण आम-जन को अपनी छोटी-छोटी समस्याओं के लिए भटकना पड़ रहा है, और नगर पालिका कार्यालय में सुविधा शुल्क देने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है। जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण विगत दिनों से पूरे शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
प्रदेश में जैसे ही जिला अधिकारी के नेतृत्व में नगर पालिका प्रशासन का गठन हुआ उसी के साथ साथ नगर पालिकाओं में मनमाना पन बढ़ गया और जो काम अब तक आसानी से हो जाया करता था उसके लिए जन सामान्य को सिफारिश के साथ-साथ चांदी के बर्तन देने की भी आवश्यकता पड़ने लगी है।
जबकि सुबे के जन प्रिय मुख्यमंत्री जीरो टार लेंस की नीत पर आम-जनता की समस्याओं को त्वरित-निस्तारित करने के लिए प्रशासनिक मशीनरी को आए दिन निर्देशित करते रहते हैं। इसके बावजूद अंबेडकरनगर अकबरपुर नगर पालिका परिषद में इसका असर नहीं दिखाई दे रहा है, जिससे जनमानस में यह चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है, कि मुख्यमंत्री जी का हंटर नगर पालिका परिषद के अधिकारी और कर्मचारियों पर कब चलेगा?
आए दिन यह शिकायत अकबरपुर वासियों से सुनने को मिलती है की नक्शा पास कराने में भी लोगों से धन उगाही जारी है जिस आवेदक द्वारा सुविधा शुल्क देने में हीला हवाली की जाती है। उनके कार्य में अड़ंगा लगाकर उनका नक्शा ना पास कर उन्हें नाना प्रकार से प्रताड़ित करने का षड्यंत्र जारी रहता है। नाम ना छापने की शर्त पर एक दर्जन आवेदकों द्वारा यह बताया गया बिना पैसे का अकबरपुर नगर पालिका परिषद में कोई कार्य होने वाला नहीं है।
अकबरपुर नगर पालिका परिषद के लोगों में यह आश अभी भी है। कि जिस दिन मुख्यमंत्री जी को यहां के काले कारनामों की सूचना मिलेगी उस दिन इनको भी ठीक करने का काम मुख्यमंत्री जी द्वारा किया जाएगा लेकिन अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री जी की निगाहें अंबेडकर नगर के नगर पालिका परिषद अकबरपुर में व्याप्त भ्रष्टाचार पर कब तक पहुंचती है…..?