Ayodhya

अयोध्या रोड की वेश कीमती सरकारी जमीन समेत कई मामले में कब्जा हटवाने व अनदेखी को लेकर पालिका ईओ पर लोग लगा रहे भ्रष्टाचार का आरोप

  • शहर के बड़े होटलों में शुमार के मालिक द्वारा मुख्य मार्ग से रास्ते के लिए मोटी रकम देने की चर्चा
  • तमसा मार्ग के नदी की सीमा में निर्माणाधीन प्राइवेट हॉस्पिटल की अनदेखी में भी भूमिका संदिग्ध
  • सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर शिकायती पत्र लिए दौड़ रहे लोगों की नहीं हो रही सुनवाई

अंबेडकरनगर |पालिका अकबरपुर की अधिशासी अधिकारी एवम् राजस्व महकमा द्वारा पिछले दिनों अयोध्या रोड पर स्थित वेश कीमती सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाया गया और इसके अलावा दर्जनों मामले में अनदेखी की जा रही है, को लेकर नगर वासियों के स्वर मुखर होने शुरू हो गए हैं| लोग भ्रष्टाचार का आरोप भी लगा रहे हैं |

ज्ञात होगी पिछले दिनों अयोध्या रोड स्थित सरकारी जमीन जिसका रकबा लगभग 5 बिस्वा बताया जा रहा है पर स्थानीय कुछ लोग अतिक्रमण किए थे राजस्व महकमा, अधिशासी अधिकारी की मौजूदगी में पिछले दिनों खाली कराया गया | इस मामले में बताया जाता है कि उक्त जमीन के पीछे शहर के एक बड़े होटलों में शुमार के मालिक द्वारा 3 बीघा से अधिक खतौनी की जमीन का मैरिज हाल के लिए एग्रीमेंट कराया गया है |

बताया जाता है कि उक्त मैरिज हाल के लिए मुख्य सड़क से जाने के लिए मार्ग नहीं था, ऐसी दशा में अधिकारियों को मोटी रकम देकर हथकंडा अख्तियार किया गया | लोगों का कहना है कि यदि यह सरकारी जमीन है तो उसे पालिका प्रशासन को घेराबंदी कराना चाहिए था, ऐसा न कराया जाना अधिशासी अधिकारी की भूमिका संदिग्ध होना दर्शाता है |

इसके अलावा तमसा मार्ग पर एक प्राइवेट हॉस्पिटल का निर्माण चल रहा है जो तमसा नदी की सीमा में है | बताया जाता है कि इसमें कई करोड़ रुपए व्यय किया जा रहा है | इस मामले में शिकायतें भी हुई हैं किंतु गंभीरता से नहीं लिया गया | इसे लेकर पालिका के अधिशासी अधिकारी पर भ्रष्टाचार के आरोप की चर्चा जोरों पर है |

उक्त मामले तो नजीर हैं | दर्जनों सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे के मामले आए, सभी की जांच एवं कार्यवाही ठंडे बस्ते में रह गया वहीं वैरमपुर वरवा में सार्वजनिक चकरोड गाटा संख्या -332 अतिक्रमण की चपेट में है जिसके लिए इसी गांव के रहने वाले हरिप्रसाद उर्फ दरोगा वर्मा द्वारा संपूर्ण समाधान दिवस से लेकर डीएम, एडीएम व मुख्यमंत्री आदि को शिकायती पत्र प्रेषित किया गया |

इस पर भी नतीजा सिफर है | पीड़ित का आरोप है कि अधिशासी अधिकारी से जनहित मुद्दे से क्या लेना देना है | क्योंकि कुछ मिलने वाला है नहीं | इसी तरह नगरपालिका दफ्तर किसी भी दिन चले आइए यहां अपनी समस्या लिए लोग भटकते मिल जाएंगे |

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