Ayodhya

अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण का सपना साकार,प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भक्तों की तैयारी जोरों पर

  • चहुंओर राम- नाम का जब शुरू, भक्तिमय हो गए हैं देवस्थान और मंदिर

जलालपुर।अंबेडकरनगर।राम लला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे।विश्व हिंदू परिषद द्वारा दिया गया यह श्लोगन राम भक्तों में नया जोश पैदा कर दिया। हालत यह रही की श्री राम मंदिर व जन्म स्थान मुक्ति कराने का जज्बा राम भक्तो को ऐसा लगा वे घर बार छोड़कर भगवान श्रीराम के कार्य में जुट गए ।कस्बा से लेकर गांव तक राम भक्तों की भरमार हो गई। बैठकों का दौर शुरू हो गया।राम भक्त अपने आराध्य देव भगवान श्रीराम की फोटो लेकर हुजूम के साथ घर घर पहुंच अलख जगाना शुरू कर दिया।

गांव गांव प्रभु श्रीराम का पूजन अर्चन शुरू हो गया।मंदिरों और देव स्थानों पर राम नाम की जाप शुरू कर दी गई। हर तरफ पूरा माहौल राम मय हो गया।जलालपुर के गंजा मोहल्ला निवासी संघ कार्यकर्ता राम प्रकाश यादव अपने सैकड़ो साथियों के साथ कार सेवा के लिए अयोध्या में पहुंचने के लिए बैठक शुरू कर दिया और वे प्रशासन की निगाह में खटकने लगे।स्थानीय पुलिस तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के आदेश के पालन के लिए कार सेवकों को पकड़ने लगी और उन्हें सुलतानपुर जनपद स्थित जेल में बंद करने लगी।पुलिस राम प्रकाश यादव और उनके साथियों को गिरफ्तार करने का कई बार प्रयास किया किंतु वे पुलिस के हत्थे नहीं चढ़े पुलिस से बचकर प्रभु श्रीराम का कार्य करते रहे।

राम प्रकाश यादव बताते है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का एक वाक्य “अयोध्या में परिंदा भी पर नहीं मार सकता” सनातनी हिंदुओ को ऐसा अखरा कि वे अपना सब कुछ छोड़कर अयोध्या पहुंचने की जिद्द पर अंड गए।सरकार ने कार सेवकों को अयोध्या पहुंचने से रोकने के लिए ट्रेन, बस समेत अन्य सवारी वाहनों को बंद कर दिया।

पुलिस ने प्रत्येक चौराहे पर बैरियर लगा दिया इसके बावजूद लाखो की संख्या में रामभक्त अयोध्या पहुंचने में सफल हो गए।जहां 30 अक्तूबर और दो नवंबर 1990 को कार सेवकों पर पुलिस ने बर्बरता पूर्वक लाठी चार्ज कर दिया और गोली चला दिया।इसके बावजूद रामभक्तो का जोश ठंडा नही हुआ।

उन्होंने बताया कि कस्बा के सुरेन्द्र सोनी, मानिक चंद सोनी अपने चार दर्जन से अधिक साथियों के साथ गिरफ्तार कर लिए गए और उन्हें सुलतानपुर जनपद स्थित जेल भेज दिया गया। मैं और उष्मापुर निवासी मौर्य लूंगी और गंजी में साइकिल पर सब्जी का बोरा रखकर पुलिस को सब्जी खरीदने की बात बता अयोध्या की तरफ बढ़ते रहे।जब हम दोनो दर्शन नगर से आगे पहुंचे तो पुलिस गोली चला चुकी थी। कई रामभक्त रामकाज में मृत्यु को प्राप्त हो सके थे।

अघोषित कर्फ्यू का माहौल

भगवान श्री राम की नगरी अयोध्या में कार सेवकों को पहुंचने से रोकने के लिए अघोषित कर्फ्यू लगा दिया गया। सभी बाजार बंद हो गई। सभी साधन बंद कर दिए गए। जगह-जगह बैरियर लगाकर राम भक्तों को पकड़ कर जेल में ठूसा जाने लगा। इसके बावजूद राम भक्तों का जोश ठंडा नहीं हुआ।

बाबा बरुवा दास इंटर कालेज को बनाया गया अस्थाई जेल
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आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार समेत अन्य प्रदेशों के कुल 1227 कार सेवकों का हुजूम सुरहूरपुर और नेवादा बार्डर क्रास कर मालीपुर और जलालपुर पहुंचा जहां पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर अस्थाई जेल परुइया आश्रम में बंद कर दिया। यहां अस्थाई जेल में अगल बगल गावों के ग्रामीण उनके भोजन आदि का प्रबंध करने लगे।

जलालपुर कस्बा निवासी अजय कुमार गोयल बताते है कि बाबा पलटू दास मंदिर परिसर में श्रीराम जन्मभूमि की बैठक हो रही थी।किसी ने पुलिस को सूचना दे दी। सूचना पर तत्कालीन कोतवाल सैकड़ो की संख्या में पुलिस और पी ए सी लेकर पहुंच गए और पूरे परिसर का घेराव कर लिया।पुलिस के आने की सूचना मिलते ही सभी राम भक्तो में भगदड़ मच गई।दीवाल कूदने पर दोनो पैर टूट गया दो महीने बिस्तर पर पड़ा रहा।

भियांव ब्लॉक के निमटीनी गांव निवासी राम लखन विश्वकर्मा के बुजुर्ग आंखो पर मंदिर निर्माण और भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा की खबर की खुशी स्पष्ट झलक रही थी। उन्होंने याद करते हुए बताया कि जब अयोध्या स्थित भगवान बजरंगबली की चौक पर गोली चल रही थी उस समय मैं वहां मौजूद था।गली की गोली की तड़तड़ाहट गूंज रही थी किंतु राम भक्तो का हौशला काम होने का नाम नहीं ले रहा था।इसी बीच भगदड़ मची। मैं गिर गया।

.सैकड़ो रामभक्त और पुलिस मेरे ऊपर से गुजरते रहे। जय श्रीराम का नारा लगाते लगाते बेहोश हो गया।जब आंख खुली तो अपने को अस्पताल में पाया।लोगो ने बताया कि कई रामभक्त रामकज के लिए बीर गति को प्राप्त हो गए। जिंदा हूं आराध्य प्रभु श्रीराम के मंदिर निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा की बात सुन फूले नहीं समा रहा हूं। आखिरकार प्रभु का जन्मस्थान दिव्य और भव्य हो गया।

जलालपुर ब्लॉक के बडेपुर निवासी अशोक कुमार उपाध्याय ने बताया कि हम और हमारे पूर्वजों की लंबी लड़ाई और बलिदान के वजह से भगवान श्रीराम का मंदिर बनकर तैयार है।अपना जीवन प्रभु का काम में खपा दिया।कई बार जेल गया जमानत पर बाहर आते ही प्रभु का कार्य शुरू हो जाता था। हम लोग कितने भाग्यशाली हैं जो अपनी आंखो से राम मंदिर का दर्शन करूंगा।

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