Ayodhya

विखं भियांव की ग्राम पंचायत में मनरेगा योजना में धांधली की बीडियो ने जारी किया नोटिस

 

 

अंबेडकरनगर। भियांव ब्लॉक में मनरेगा योजना में जमकर की जा रही धांधली और भ्रष्टाचार पर बीडीओ ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।अब देखना यह होगा कि मामला जवाब तक ही सीमित रहेगा अथवा कार्यवाही भी की जाएगी।विदित हो कि ग्राम पंचायतों में नाले की सफाई, इंटरलाकिंग व भूमि समतलीकरण कार्यो में श्रमिकों की एक फोटो को कई बार अपलोड कर सरकारी धन का बंदरबांट किया जा रहा है। भियांव ब्लाक की ग्राम पंचायत बरौना में पिछले एक सप्ताह में श्रमिको की काम करते हुए एक ही फोटो को कई बार अपलोड कर दिया गया है। जबकि ग्राम पंचायत अहरौली में बिना श्रमिको के काम करते हुए फोटो अपलोड कर खानापूर्ति की गई। ब्लाक की कई ग्राम पंचायतो में मनरेगा कार्यो के अर्न्तगत नाले की सफाई, इंटरलाकिंग सहित हो रहे विकास कार्यो में श्रमिको के कार्य करते हुए एक ही फोटो को कई बार अपलोड कर लाखों रुपये निकाल कर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। पंचायतों में तैनात सचिवों, एडीओ पंचायत, बीडीओ समेत अन्य को श्रमिको की फर्जी फोटो अपलोड करने में किए जा रहे फर्जीवाड़े को लेकर कोई जानकारी ही नहीं रहती है। भियांव ब्लॉक में तैनात मनरेगा अधिकारी के पास इतना समय नहीं है कि वह कार्यस्थल का निरीक्षण कर होनेवाले कार्यों का सही फोटो अपलोड करवा सके। कहीं ना कहीं भ्रष्टाचार में एपीओ मनरेगा का भी अहम भूमिका निभाई जा रही है क्षेत्र में मनरेगा योजना के अंतर्गत ग्राम पंचायत में चक मार्ग से लेकर समतलीकरण कार्य कागजों पर ही हो रहा है। मौके पर श्रमिकों की संख्या आधा दर्जन भी नहीं रहती और सचिव, रोजगार सेवक, ग्राम प्रधान व टीए की मिली भगत से ज्यादा संख्या दिखाकर रुपया हड़पने का सिलसिला चल रहा है।ग्राम पंचायत चकौरा में हाल में ही शुरू हुए भोसना तालाब से नाले की सफाई शुरू किया गया था। कार्य तो 5 जून 2025 को ही समाप्त हो गया लेकिन 6 जून 2025 को भी इस कार्य का फोटो व मास्टर रोल अपलोड कर मजदूरी बढ़ाई गई। कागजों में श्रमिकों की फर्जी हाजिरी लगा कर रुपया निकाला जा रहा है।जब पूरा मामला मुख्य विकास अधिकारी तक पहुंचा तो बीडीओ भियांव ने बरौना ग्राम पंचायत की महिला मेट पूनम के नाम नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। बीडीओ ने पत्र में लिखा है कि उक्त कार्य पर रोक लगा दिया गया था इसके वावजूद फर्जी पुरानी फोटो अपलोड कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है।दो दिन के अंदर स्पष्टीकरण दे अन्यथा विधिक कार्यवाही की जाएगी।अब सवाल यह है कि क्या इस कृत्य के लिए केवल मेट ही जिम्मेदार है।यदि काम की पुरानी फोटो पोर्टल पर अपलोड की जाती है तो अन्य अधिकारी इसे नहीं देखते है।अब देखना यह होगा कि इसके बाद क्या होता है।यह फर्जीवाड़ा एक ग्राम पंचायत का नहीं है यह ब्लॉक के सभी ग्राम पंचायतों में किया जा रहा है। शासन को इस पर ध्यान देना होगा अन्यथा मनरेगा योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाएगी।

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