Ayodhya

सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा के मामले में लेखपाल की कारस्तानी को लेकर चर्चा जोरों पर

  • अधिकारियों को गुमराह कर पैमाइश में बार-बार झूठी रिर्पोट लगा रहा है हल्का लेखपाल

अंबेडकरनगर। सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कराने के मामले में हल्का लेखपाल की कारस्तानी की चर्चा जोर पकड़ रही है। सरकारी जमीन के संपूर्ण क्षेत्रफल का बगैर पैमाईश किए ही अधिकारियों को गुमराह कर फर्जी आख्या लगा दिया गया। इतना ही नहीं शेष बची बंजर की जमीन पर हैंडपंप आदि लगवा कर अवैध रूप से कब्जा कराया जा रहा है। प्रकरण जलालपुर तहसील के नेवादा कला गांव स्थित सरकारी जमीन का है। गांव स्थित गाटा संख्या 244 सरकारी खाता के रूप में दर्ज है। इसका रकबा 12.5 बिस्वा है। इसी सरकारी जमीन पर दशकों पहले गांव निवासी फिरतू और उसके भाई तीरथ को प्रति व्यक्ति 5 बिस्वा जमीन का कृषि योग्य पट्टा दिया गया है। उक्त दोनों पट्टा युक्त जमीन पर खेती बाड़ी कर रहे है। लगभग चार वर्ष पहले इसी गाटा संख्या में शेष बचे 2.5 बिस्वा जमीन में से दोनों पैरों से दिव्यांग इजहारुद्दीन को एक विश्वा जमीन आवासीय पट्टा के रूप में दिया गया। इजहारुद्दीन की जमीन और दोनों पट्टा धारक किसानों की जमीन की पैमाईश तत्कालीन तहसीलदार की मौजूदगी में की गई थी। तत्समय दोनों कृषि योग्य पट्टा और आवासीय पट्टा के बाद लगभग डेढ़ बिस्वा जमीन शेष बची थी। जिसका उदाहरण इजहारुद्दीन के पट्टा पत्रावली पर दर्ज भी है।कई दशकों से यह जमीन खाली पड़ी है। पट्टा पाए किसान अपने अपने रकबा पर कब्जा कर खेती बाड़ी कर रहे है। इसके वावजूद हल्का लेखपाल अरविंद शेष सुरक्षित जमीन को पट्टा धारक की बता अधिकारियों को गुमराह कर रहे है। इतना ही नहीं इससे संबंधित एक फर्जी आख्या की रिपोर्ट उपजिलाधिकारी को दी गई। इसी जमीन पर हल्का लेखपाल हैंडपंप लगा कर अवैध कब्जा का कुचक्र रच रहे हैं। उपजिलाधिकारी पवन जायसवाल ने बताया कि इस सरकारी जमीन की टीम द्वारा पैमाईश का आदेश दिया गया है।यदि आख्या गलत मिली तो लेखपाल के विरुद्ध कार्यवाही तय है।

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