Ayodhya

किछौछा दरगाह शरीफ को बदनाम करने वाले मौलानाओं व भूमाफियाओं के कब होंगे चेहरे बेनकाब

  • किछौछा दरगाह शरीफ को बदनाम करने वाले मौलानाओं व भूमाफियाओं के कब होंगे चेहरे बेनकाब
  • इसे लेकर सामाजिका कार्यकर्ताओं समेत देश-विदेश से आये जायरीनों के स्वर मुखर
  • कमरा किराए पर देकर जायरीनों के साथ सालों से चला आ रहा है घिनौना कृत्य
  • मौलाना मो. अशरफ के विरूद्ध कार्यवाही के बाद सीओ के आश्वासन से लोगों में जगी उम्मीद

टांडा,अंबेडकरनगर। बसखारी थाना क्षेत्र अंतर्गत स्थित पवित्र स्थली सैयद मखदूम अशरफ जहांगीर सिमनानी के दर्शन के लिए दुनिया भर से श्रद्धालुओं का आगमन पूरे वर्ष भर होता रहता है और भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं जहां पर रूहानी इलाज का भी काम किया जाता है लेकिन सवाल बड़ा है कि आज तक सरकार या फिर पुलिस प्रशासन ने दरगाह क्षेत्र में अपनी नजर क्यों नहीं फेरा ?
बसखारी थाना क्षेत्र में लड़कियों को गायब करने का भी मामला कई बार प्रकाश में आ चुका है न जाने कितनी लड़कियां आज तक गायब हो चुकी हैं। जिसका आज भी जीता जागता सबूत दरगाह नगर पंचायत कार्यालय के समीप रहने वाले एक दुकानदार की लड़की आज तक अपने घर वापस नहीं आई जिसका कोई लेखा-जोखा ही नहीं। न जाने कितने बेमौत मर गये जिनका कभी पता ही नहीं लग सका कि हत्या है या आत्महत्या आज तक खुलासा नहीं हुआ। बीते समय का इतिहास देखा जाए तो नाबालिक से लेकर बालिक और शादीशुदा महिलाओं के साथ न जाने कितने कुकर्मों को अंजाम दिया जा चुका है। लेकिन पूर्व की सत्ता की हनक और सत्ता में अपनी पकड़ रखने वाले धूर्त नेताओं के कारण सारे मामले थाने तक पहुंचते-पहुंचते रफा-दफा हो जाते थे और शासन प्रशासन गहरी नींद में सोती रही। बात यहीं पर नहीं रुकती है मुख्यमंत्री के प्रथम काल से लेकर अब तक इस क्षेत्र में शासन का कोई असर नहीं दिखा और जीरो बैलेंस की नीति भी अभी तक धराशाई होती नजर आई है और जिले के जिम्मेदारान जिलाधिकारी की भी कभी पैनी नजर नहीं पड़ी। दरगाह में न जाने कितने अवैध बिल्डिंग खड़ी कर दिये गये जो सरकारी तालाबों एवं सरकारी बंजारा भूमि का अस्तित्व ही मिटा कर रख दिया। इन्हीं सरकारी तालाबों और भूमि पर बिल्डिंगे खड़ा कर दिया गया फिर मनमाने ढंग से किराये के नाम पर पैसा वसूलकर अपनी जेबों को भर रहे हैं और अपने घटिया कृतों को अंजाम दे रहे हैं। सवाल बड़ा है कि अभी तक सरकारी संपत्तियों पर लहरा रही अवैध बिल्डिंगों पर जांच की आंच क्यों नहीं आई? और बुलडोजर के धमकने की गूंज क्यों नहीं सुनाई दी। बीते वर्षों में सरकारी भूमि पर अवैध बिल्डिंगों को लेकर बड़ा बवाल मचा हुआ था पूर्व की सपा शासन काल में यह मामला गरमाया था किंतु ऐनकेन प्रकरणेन मामले को दबा दिया गया और मामला ठंडे बस्ते में चला गया। अब सवाल है कि इन बिल्डिंगों को कितने वर्षों से संचालित किया जा रहा है डीएम साहब! सवालों के भरमार हैं इतनी बड़ी-बड़ी बिल्डिंगें लहरा रही हैं क्या राजस्व की वसूली अपने नियम और कानून पर हो रहा है या फिर इसमें भी राजस्व को पलीता लगाया जा रहा है। सारी बिल्डिंगों को चिन्हित किया जाए इन्हें नियम और कानून के दायरे में लाया जाए और सरकारी भूमि पर बने अवैध बिल्डिंगों की गहनता से जांच कर उचित कार्यवाही करने की जरूरत है क्योंकि अवैध बिल्डिंग की कमाई से अवैध कार्य ही होते हैं किंतु शासन की मजबूरियों के करण और प्रशासन की मिली भगत से नतमस्तक जनता कभी भी अपनी आवाज बुलंद नहीं कर पाई और ऐसे घटिया-घटिया कृत्यों को आज तक सहता आ रहा है किंतु अब वक्त आ गया है स्वच्छता अभियान चलाने की। बताते चलें कि बलात्कारी मौलाना सैयद मोहम्मद शमशाद पुत्र इनाम अशरफ जो क्षेत्र में कट्टा वाले मौलाना के नाम से भी मशहूर है। कई क्षेत्रवासियों ने नाम न छापने के शर्त पर बताया कि यह मौलाना अपने घर साल में एक बार उर्स का आयोजन भी करता है जिसमें खुद अशरफी दूल्हा बनता है और दरगाह में बिल्डिंग बनवाकर किराये पर चलाता है अभी तक काफी लोग इस संसय में पड़े हुए थे कि आखिरकार यह मौलाना है कौन? जिसकी तस्वीर स्पष्ट न होने के कारण लोग भ्रमित थे लेकिन इस ढोंगी बहसी दरिंदा बलात्कारी मौलाना का यह तस्वीर देखने के बाद स्पष्ट हो जाएगा कि यह वही नगर किछौछा का मौलाना है जो कट्टा वाला मौलाना के नाम से मशहूर है खुद को बहुत बड़ा मौलाना बताता रहा है और बीते समय में यदि देखा जाए क्षेत्र में होने वाली तमाम प्रकार के धार्मिक उन्माद मामलों में इसने अपनी अहम भूमिका निभाई है। जनता को भड़काने, माहौल खराब करने जैसे घटिया कृतों को अंजाम देता रहा है किंतु सत्ता की हनक में सब कुछ दबता रहा। इस पूरे प्रकरण में यह सवाल निकाल कर सामने आता है कि मौलाना अब तक किसकी परस्ती में अवैध ढंग से फलता फूलता रहा। इंतजामिया कमेटी सारी सच्चाई जानते हुए भी कि यह एक ढोंगी और नकली मौलाना है फिर भी कोई एक्शन क्यों नहीं लिया। आज तक इसे पनाह कौन देता रहा है अब जब बलात्कारी मौलाना की सच्चाई उजागर हुई और गिरफ्तारी होने के बाद सलाखों के पीछे पुलिस प्रशासन ने भेज दिया तो इंतजामियां कमेटी के हाथ पांव क्यों फूल रहे हैं और आनन-फानंद में मीटिंग कर पत्र जारी कर अपनी साख पर बट्टा लगने के डर से और अपना चरित्र बचने की कोशिश कर रहा है। पत्र में इंतजामिया कमेटी के जिम्मेदारों ने बताया है कि यह कोई मौलाना नहीं है न ही इसकी पढ़ाई मौलाना की है अर्थात या एक नकली मौलाना है और महिला के साथ हुए बलात्कार के मामले में अपना पक्ष रखते हुए महिला के समर्थन में इंतजामिया कमेटी खुद को खड़ी बता रही है लेकिन सवाल अब है कि इंतजामिया कमेटी को यह स्पष्ट करना होगा कि दरगाह क्षेत्र में मौलाना गिरी करने वाले ऐसे कितने फर्जी मौलाना है जो धर्म के आड़ में महिलाओं का बंद कमरों में बलात्कार करते हैं यह जिम्मेदारी स्पष्ट रूप से इंतजामिया कमेटी के जिम्मेदारों की है कि नकली और असली मौलानाओं को चिन्हित करते हुए फोटो के साथ उनके नाम की सूची जारी करें ताकि देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं को स्पष्ट पता चल सके। महिलाओं को इन बहसी दरिंदे मौलानाओं के हवस का शिकार न बनना पड़े। मामले में सीओ का बयान भी लोगों को एक नयी उम्मीद देती नजर आ रही है।

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