Ayodhya

टांडा टैक्सी स्टैंड नीलामी में खेल, ई -रिक्शा चालकों ने लगाए वादा खिलाफी का आरोप

टांडा,अम्बेडकरनगर | नगर पालिका परिषद टांडा में नायब तहसीलदार प्रदीप सिंह व ईओ डा.आशीष कुमार सिंह की देख रेख में टैक्सी स्टैंड की नीलामी हुई लेकिन नीलामी को लेकर तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं कोई कह रहा है कि चेयरमैन ने वादा नही पूरा किया तो कोई प्रशासन को कोस रहा है कि नीलामी में राजस्व का बहुत ज्यादा फायदा नही हुआ | सब मिलकर सरकार को ही नीलामी में चूना लगा दिये।

आपको बताते चले कि नीलामी में पांच ठेकेदारों ने हिस्सा लिया जिसमें सर्वाधिक बोली लगाने वाले ठेकेदार रमाकांत पाण्डेय को एक वर्ष के लिए टैक्सी स्टैंड के शुल्क वसूली का अधिकार दिया गया। टैक्सी स्टैंड की नीलामी में सर्वाधिक बोली 68 लाख 40 हजार रुपये की लगी ।

आपको बताते चले कि बुधवार को नगर पालिका परिषद टांडा में टैक्सी स्टैंड और बस स्टैंड की नीलामी की गई। इसके लिए निर्धारित समय तक पांच ठेकेदारों सगीर अहमद,इन्द्रभान सिंह, अशोक कुमार सिंह, रमाकांत पाण्डेय तथा वीरेंद्र कुमार ने अपने कागजात और जमानत राशि जमा की। दोपहर में नीलामी की प्रक्रिया शुरू हुई जिसमें सभी पांचो ठेकेदारों ने बोली लगाई।

बोली 64 लाख 74 हजार से शुरू हुई। इन सभी में रमाकांत पाण्डेय ने 68 लाख 40 हजार रुपये की सर्वाधिक बोली लगाकर ठेका प्राप्त करने में सफल रहे। स्टैंड की नीलामी नगर पालिका की चेयरमैन शबाना नाज की अध्यक्षता में हुई। जबकि सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस टीम तैनात रही।

महत्वपूर्ण बात यह रही कि पिछली बोली के सापेक्ष इस बार मात्र लगभग दस प्रतिशत बढोत्तरी के साथ बोली खत्म हो गयी । स्टैंड ठेके के जानकार बताते है कि एक ही ठेकेदार के दो अन्य कथित ठेकेदार भी बोली में हिस्सा लिया |

नगर पालिका के निर्माण कार्य के एक ठेकेदार तथा एक ठेकेदार के परिवार सदस्य भी बोली में भाग लिये । अंततः सभी मैनेज हो गये | लगभग दस प्रतिशत बढोत्तरी के साथ बोली लगा ली गयी और उसी पुराने ठेकेदार को ही ठेका मिला । लेकिन लिखा पढी में बस नाम बदला है ।

यह खेल नगर पालिका टांडा में एक दशक से खेला जा रहा है जिससे राजस्व का सरकार को घाटा उठाना पड़ता है । इसी के साथ चैयरमैन का चुनाव में ई-रिक्शा चालकों से किया गया वादा भी पूरा नही किया गया जिससे ई-रिक्शा चालक अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं । चेयरमैन ने वादा किया कि ई-रिक्शा संचालको का या तो शुल्क माफ होगा या फिर कम जरूर होगा लेकिन कुछ नही हुआ।

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