Maharajganj

साहित्यिक संस्था नया परिमल एवं सिटीजन फोरम की ओर से कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन

हिन्दमोर्चा न्यूज़ महराजगंज सदर.

  • देर रात तक सजी महफिल फिर खूब लगे ठहाकेl
  • लिए फिरता है खंजर आस्तीनों में, मिलों तो प्यार के नगमें सुनाता है.

महराजगंज l जवाहर लाल नेहरू पीजी कॉलेज महराजगंज में प्रयागराज की साहित्यिक संस्था नया परिमल और सामाजिक संस्था सिटीजन फोरम महराजगंज की ओर से एक कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें कवियों ने काव्य पाठ के जरिए श्रोताओं को खूब गुदगुदाया देर रात तक सजी रही महफ़िल खूब लगे ठहाके और कविता पाठ पर वाह वाह करते हुए तालियां बजाते रहे श्रोता l शाम 7:00 बजे से शुरू हुई और आधी रात तक चली l

काव्य पाठ में लोगों को कई विषय पर सोचने के लिए विवश किया, प्रयागराज विश्वविद्यालय हिंदी के प्रोफेसर डॉक्टर लक्ष्मण प्रसाद गुप्त ने कहा “लिए फिरता है खंजर आस्तीनों में मिलो तो प्यार के नगमें सुनाता है” गोरखपुर से भोजपुरी और हिंदी साहित्य की कवि निशा राय ने काव्य पाठ करते हुए कहां”राग द्वेष बिसरा कर आओ, देश राग को गाया जाए, वंदे मातरम वंदे मातरम नित्य यही दोहराया जाए”के द्वारा राष्ट्र के प्रति लोगों को सचेत किया l

गोरखपुर से ही हिंदी की बड़ी कवित्री डॉक्टर चारुशीला सिंह ने अपने काव्य पाठ में “फूलों का रस निचोड़ कर खुशबू बना दिया, सूरज बना दिया, कभी जुगनू बना दिया, तेरे करम की भीख ने,इतना करम किया,इस बेहुनर को आपने चारु बना दिया” पर लोगों ने खूब तालियां बजाईं l रायबरेली से गजलकार अग्नि वेंद्र सिंह की “अंधेरों से मेरी दोस्ती है”डराना है तो उजालों से डराओ”की लाइनों पर खूब तालियां बजीं l

प्रयागराज विश्वविद्यालय में हिंदी के प्रोफेसर देश के बड़े कवि डॉ. विनम्रसेन सिंह ने “नदी में उतरो तो फिर तैरना आना चाहिए, चाहकर उड़ना हो तो उड़ना भी आना चाहिए, हो ऐतबार खुद पर तो किसी भी से क्या डरना, प्यार करना है तो प्यार ही प्यार करना चाहिएl”की लाइनों पर नौजवानों ने खूब तालियां बजाई l

हास्य व्यंग कार भोजपुरी कवि बादशाह तिवारी प्रेमी ने अपने व्यंग और हास्य कविता के द्वारा लोगों को लोटपोट कर दिया उन्होंने अपनी प्रसिद्ध कविता कुकुर भोज और लकड़बग्घा के द्वारा लोगों ने खूब ठहाके लगाए l डॉ वेद प्रकाश पांडे ने अपने दोहा “तुम हमारे हो हमारे ही रहोगे, सोचता था मैं मगर दोस्ती अपनी ना जाने किस गली में खो गई”उन्होंने “धीरे-धीरे लुप्त हो तन से ऐसे रूप तब शिखरों से शाम को उतरे जैसे धूप”प्रस्तुत कर नौजवानों को प्रेरित किया l

प्रतापगढ़ से संक्षेप बरनवाल “बनने के हौसले पर भी बिगड़ा हुआ बना जब भी किसी की आंख भरी मैं बुरा बना लड़ने चला गया था मैं जिस की लड़ाइयां कंदर्प मेरी लाश पर ठिकाना लगा”की गंभीर लाइनों पर उपस्थित विद्यत जनों ने खूब सारा आशीर्वाद दिया l देश के जाने-माने कवि आजमगढ़ से पधारे भालचंद्र तिवारी ने कवि सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए कहा कि”दिल में जो जज्बात नहीं है अब अच्छे हालात नहीं हैं जहर तो हम पीते हैं लेकिन शंकर या सुकरात नहीं हैं”उन्होंने अगले मुक्तक में कहते ही हैं प्यार न देंगे जीने का आधार दर देंगे, लहरों में कश्ती देंगे पर हाथों में पतवार न देंगे”के द्वारा लोगों से खूब वाहवाही लूटी l

इन कवियों के अतिरिक्त महराजगंज की डॉक्टर ज्योत्सना पांडे प्रतापगढ़ के अतीक अहमद दरभंगा बिहार से आदर्श राय प्रतापगढ़ से डॉक्टर मीरा तिवारी ने भी अपने काव्य पाठ प्रस्तुत किए और लोगों से आशिर्वाद प्राप्त कियाl कवि सम्मेलन के प्रारंभ में संचालन डॉ शांति शरण मिश्र ने किया जबकि कवि सम्मेलन का संचालन गीतकार संक्षेप बरनवाल ने किया.

इस अवसर पर प्रबंधक डॉ बलराम भट्ट उप जिलाधिकारी सदर मोहम्मद जसीम, सिटीजन फोरम के अध्यक्ष डॉक्टर आरके मिश्र, नया परिमल के अध्यक्ष डॉ अमरेंद्र त्रिपाठी, आयोजन सचिव डॉ विपिन यादव, विजय बहादुर सिंह, विमल पांडे, शमशुल हुदा खान, दिलीप शुक्ला, डॉक्टर अक्षय कुमार, राहुल कुमार सिंह, दिवाकर सिंह, प्रशांत पांडे, डॉ राणा प्रताप तिवारी, डॉ विजय आनंद मिश्र, डॉ पीयूष जायसवाल, मिथलेश कुमार चौधरी, डॉ अशोक वर्मा, अखिल राय, प्राची कुशवाहा, संतोष श्रीवास्तव, संतोष राव, श्रवण पटेल, सच्चिदानंद पटेल, सहित सैकड़ों की संख्या में महराजगंज के प्रबुद्ध नागरिक शिक्षक कर्मचारी और समाज के लोग उपस्थित रहे l

हिन्दमोर्चा टीम महराजगंज.

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