Lucknow

एनआर लखनऊ मंडल के सीडी एम्ईओ एंड एफ की तानाशाही कायम, भ्रष्ट नौकरशाह प्रतिमाह कर रहे लाखों की अवैध कमाई

लखनऊ . उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल का मैकेनिकल विभाग ओएंड एफ के भ्रष्टाचारियों के सिर पर बोलता जादू।प्राप्त विवरण के अनुसार लखनऊ मंडल कार्यालय में इस समय एक ऐसे अधिकारी की तूती बोल रही है जिसका शिकार तथाकथित ठेकेदार एवं विभाग के कर्मचारी हो रहे हैं, और कानून नाम का कोई भी डर इन भ्रष्ठचारियों में नहीं है दर्जनों लोको निरीक्षक बने करोङपति विजिलेंस एवं अन्य अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध।

लखनऊ के ही लगभग आधा दर्जन ठेकेदार एवं मैकेनिकल विभाग के कर्मियों ने हिन्दमोर्चा को बताया कि लोको आफिस इंचार्ज आलमबाग डीजल शेड में कार्यरत सहायक लोको पायलट जो अधिकारी के मनचाहा कार्य नहीं किये उनको तो विगत कुछ दिन पहले हटा दिया गया है लेकिन दीपक कुमार सिंह, सौरभकुमार, और विश्वकर्मा जैसे लोको पायलटों को, जिन्हें प्रति माह माईलेज सहित एक लाख से अधिक वेतन मिलता है और इनके इंचार्ज जो लोको निरीक्षक हैं बतौर इंचार्ज बने हैं इनके सारे कार्य ये सहायक करते हैं और एक लोको निरीक्षक का वेतन 1.5 लाख से अधिक बताया जाता है ये लोग केवल टेंडर की प्रक्रिया में अपनी अहम भूमिका अदा करते हैं वो भी मैकेनिल विभाग ओएंड एफ के एक वरिष्ठ अधिकारी के आदेश पर।

रेलवे के सूत्रों के अनुसार ये सभी लोको निरीक्षक केवल ठेकेदारों से अवैध वसूली करने में मशगूल रहते हैं और इसके अलावा और कोई दूसरा कार्य इनको पसंद नहीं आता क्योंकि इन पर लक्ष्मी जी की कृपा के साथ -साथ एक भ्रष्टाचारी अधिकारी की छत्रछाया बतायी जाती है अगर किसी शिकायत पर कोई अधिकारी जांच करने की कोशिश करता भी है तो यूनियन एवं भ्रष्ट अधिकारियों का काकस संगठन इस कदर छाया हुआ है कि उक्त अधिकारी को बैरंग वापस लौट जाना पङता है।

रेलवे का एक रिटायर अधिकारी ने बताया कि जितनी फाईलें रददी की टोकरी में पङी हुई है अगर निष्पक्ष जांच हो जैसे रनिंग रुम में गाङी ठेके की हो या लाईनबाक्स की सभी में इतना घोटाला मिल जायेगा कि दर्जनों अधिकारी एवं कर्मचारी जेल की सीखंचों में पहुंच जायेंगे। और साथ ही साथ इनकी अवैध संपत्ति की भी जांच अगर रेल प्रशासन कराये तो और भी मामला सामने आयेगा ।

एक सीट पर वर्षो से कार्य कर चुका एक लोको निरीक्षक ने बताया कि पैसों के बंदरबांट को लेकर इतना विवाद बढ गया कि मामला मीडिया तक पहुंच गयी और मुझे उक्त सीट से हटा दिया गया। बताते हैं कि ये अधिकारी जो चर्चित बताया जाता है पूर्व अधिकारी से भी अधिक कमीशन लेने के लिए फरमान जारी करता रहता है। ज्ञात हो कि विगत वर्ष मैकेनिल विभाग में क्ई खबरें भी पूर्व अधिकारी के खिलाफ चल चुकी है और लगभग आधा दर्जन कर्मचारी डीजल चोरी में जेल जा चुके हैं और बर्खास्त भी हो चुके हैं।

पूरी खबर देखें

संबंधित खबरें

error: Content is protected !!