NR जोन में यूनियनों के नेताओं का आतंक, एससी एसटी एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने केंद्रीय कार्यालय में शराब पीकर किया हुड़दंग

👉रेलवे बोर्ड ने इन कथित पदाधिकारियों को किया निष्कासन फिर भी जमाया कब्जा
ओपी सिंह वैस
लखनऊ।उरे जोन यूनियनों के नेताओं का लूट खसोट तो आये दिन खबरें मीडिया में आ रही है लेकिन एक ऐसा मामला एससी एसटी के नेताओं का आया है जो रेलवे मंत्रालय के नाकामियों को उजागर करने के लिए काफी है।
मिली जानकारी के अनुसार इन दोनों निष्कासित नेताओं को अब आरडीएसओ लखनऊ में एससी एसटी के तथाकथित कर्मियों द्धारा तीन अक्टूबर 2022 को मेहमानबाजी से नवाजे जाने कासमाचार मिला है और इसके लिए बकायदा आमंत्रण पत्र भेजा जा रहा है।
रेलवे के एक अधिकृत सूत्र ने दूरभाष पर बताया कि न्ई दिल्ली स्थिति आल इंडिया एससी एसटी कार्यालय में जहां बाबा भीमराव अंबेडकर एवं अन्य महापुरुषों की मूर्ति लगी है वहां दो केन्द्रीय पदाधिकारियों ने जमकर शराब एवं कबाब की पार्टी किया जिसका खुलेआम वीडीओ वायरल हो रहा है।
इसके हीरो केन्द्रीय कार्यकारिणी के महासचिव अशोककुमार एवं कोषाध्यक्ष प्रेमकुमार बताये जाते हैं जिनको रेलवे बोर्ड के निर्देश पर एसोसिएशन से इनको निष्कासित कर दिया गया और उनके जगह पर राम सिंह को महा सचिव एवं कोषाध्यक्ष के पद पर गंगासहाय को मनोनीत किये जाने का समाचार मिला है।
सूत्रों का कहना है कि इतना सब कुछ होने के बावजूद इन दोनों तथाकथित पदाधिकारियों को आरडीएस्ओ में आना कहीं न कहीं भ्रष्ट कर्मियों एवं अधिकारियों का मंसूबा सफल होता दिखाई दे रहा है।
जब कि आल इंडिया एससी एसटी रेलवे एंम्पलायज एसोसिएशन का पूर्व महामंत्री /उत्तर रेलवे जोनल मंत्री तथा राष्टीय कोषाध्यक्ष /जोनल अध्यक्ष को एसोसिएशन के राष्टीय अध्यक्ष बीएल बैरवा द्धारा समाजविरोधी गतिविधियों के कारण रेलवे बोर्ड के संज्ञान लेने पर सभी पदों से तत्काल प्रभाव से इन दोनों दलित कर्मियों के बने मसीहा नेताओं को बर्खास्त किया जा चुका है।
ज्ञातव्य है कि न्ई दिल्ली के एसोसिएशन आफिस में चौदह रत्नों में से निकली शराब के शौकीन इन दोनों नेताओं का वीडीओ सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, लेकिन गजब के हैं ये दोनों नेता जो रेल मंत्रालय
को जेब में रखते हैं अभी भी जबरदस्ती एसोसिएशन के संरक्षक बने हुए हैं और मजाल नहीं कि भाजपा सरकार इनके खिलाफ कार्रवाई करे ये दोनों नेता भाजपा के कुछ सांसदों के संरक्षण में सारा बवाल काट रहे हैं
एससी एसटी का एक सूत्र ने बताया कि गरीब दलित रेल कर्मियों के पैसों का खुलेआम दुरुपयोग करने के लिए दिनांक तीन अक्टूबर 2022 को आरडीएसओ लखनऊ में पधार रहे हैं।
बताया जाता है कि अशोक कुमार जो वर्ष 2016 में विजिलेंस केस में फंस जाने के कारण वी आर एस ले चुका है। फिर भी वह रेल प्रशासन की नाक के नीचे रेलवे का आफिसर विश्राम घर का खुलेआम दुरुपयोग कर रहा है और भाजपा सरकार के रेल अधिकारियों के आंखों में पर्दा पङ चुका है।
सबसे मजे की बात तो ये है भाजपा जो अपने को साफ सुथरी बताकर जनता को गुमराह करने में सक्रिय हैं तो वहीं दूसरी तरफ दलित राज नीति के चलते एक आरोपित व्यक्ति को अधिकारी विश्राम गृह में मेहमानबाजी से नवाजा जा रहा है देखिए रेलमंत्री एवं प्रधान मंत्री जी चाहे वह गरीब दलित रेल कर्मचारी हो या ओबीसी अथवा सवर्ण किस तरह से रेलवे की दलाल यूनियनें शोषण कर रही हैं और आपकी सरकार इनकी मेहमानबाजी कर रही है।